दोस्तों आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे की सामान्य दवाएं या जेनेरिक दवाएं क्या होती है
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| Generic medicines। |
जेनेरिक दवाएं बिना किसी पेटेंट के बनाई और सरकुलेट की जाती हैं.जेनेरिक दवा के फॉर्मुलेशन पर पेटेंट हो सकता है लेकिन उसके मैटिरियल पर पेटेंट नहीं किया जा सकता. इंटरनेशनल स्टैंडर्ड से बनी जेनेरिक दवाइयों की क्वालिटी ब्रांडेड दवाओं से कम नहीं होती. ना ही इनका असर कुछ कम होता है. जेनेरिक दवाओं की डोज, उनके साइड-इफेक्ट्स सभी कुछ ब्रांडेड दवाओं जैसे ही होते हैं. जैसे इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के लिए वियाग्रा बहुत पॉपुलर है लेकिन इसकी जेनेरिक दवा सिल्डेनाफिल नाम से मौजूद है. लेकिन लोग वियाग्रा लेना ही पसंद करते हैं क्योंकि ये बहुत पॉपुलर ब्रांड हो चुका है. इसकी खूब पब्लिसिटी इंटरनेशनल लेवल पर की गई है. वहीं जेनेरिक दवाइयों के प्रचार के लिए कंपनियां पब्लिसिटी नहीं करती. जेनेरिक दवाएं बाजार में आने से पहले हर तरह के डिफिकल्ट क्वालिटी स्टैंर्ड से गुजरती हैं
#क्यों सस्ती होती हैं जेनेरिक दवाएं जहां पेंटेट ब्रांडेड दवाओं की कीमत कंपनियां खुद तय करती हैं वहीं जेनेरिक दवाओं की कीमत को निर्धारित करने के लिए सरकार का हस्तक्षेप होता है. जेनेरिक दवाओं की मनमानी कीमत निर्धारित नहीं की जा सकती. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक, डॉक्टर्स अगर मरीजों को जेनेरिक दवाएं प्रिस्क्राइब करें तो विकसित देशों में स्वास्थय खर्च 70 पर्सेंट और विकासशील देशों में और भी अधिक कम हो सकता है.
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#जेनेरिक दवाओं के लाभ- जेनरिक दवा दवा ब्रांडेड दवाओं से सस्ती होती हैं. इससे आप हर माह अच्छी खासी कीमत बचा सकते हैं.इन दवाओं की पब्लिसिटी के लिए कुछ खर्चा नहीं किया जाता. इसलिए ये सस्ती होती हैं.जेनेरिक दवाएं सीधे खरीददार तक पहुंचती हैं.सरकार इन दवाओं की कीमत खुद तय करती है.जेनेरिक दवाओं का असर, डोज और इफेक्ट्स ब्रांडेड दवाओं की तरह ही होते हैं.
#जेनरिक दवाओ की पहचान कैसे करेंनए नियमों के मुताबिक अब दवा कंपनियों को लेबल पर दवा का जेनेरिक नाम बड़े अक्षरों में लिखना होगा, जबकि ब्रांड नाम छोटे अक्षरों में लिखना होगा। सूत्रों का कहना है कि इस बारे में सरकार ने ड्राफ्ट रूल तैयार कर लिया है जो जल्द जारी किया जाएगा।
#प्रमुख जेनेरिक साल्ट के नाम (names of major generic salts)
सीटीजेड,
पाईरेस्टेट-100,
मेरिसुलाइड,
ओमेसेक-20,
ओमिप्राजोल,
लिगनोकेन,
बूपीवेक्सीन,
एसीटिल सालिसाइकिल एसिड डिक्लोफेनेक,
इबूप्रोफेन,
परासीटामोल,
क्लोरोक्वीन,
एमलोडिपिन,
एटीनोलेल,
लोजारटन,
मेटफोरमिन,
प्रोगेस्टीरोन
#आशा करते है की आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी अधिक जानकारी के लिए हमें कॉमेंट करें और हमें फॉलो करें #इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए धन्यवाद#

